Top Guidelines Of sidh kunjika
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
This really is prayer of your Kunjika which happens to be The rationale for awakening. Oh Parvathi, preserve this guarded and kept solution from those who are not devotees.
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल sidh kunjika के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ